उत्तर: प्रश्न बहुत उत्तम है। कार्य सिद्ध होगा।
चौपाई : सुफल मनोरथ होहूँ तुम्हारे। रामु लखनु सुनि भए सुखारे॥
अर्थ: फूल पाकर मुनि ने पूजा की। फिर दोनों भाइयों को आशीर्वाद दिया कि तुम्हारे मनोरथ सफल हों। यह सुनकर श्री राम-लक्ष्मण सुखी हुए
राम चरित मानस में स्थान : यह चौपाई बालकाण्ड में पुष्पवाटिका से पुष्प लाने पर विश्वामित्र जी का आशीर्वाद है।


![[कविता] मैंने बहुत याद किया – बृजेश यादव](https://www.merirai.com/wp-content/uploads/2017/03/kavita-brijesh-yadav-merirai-tuje-yaad-kiya-e1488534592821.png)















