श्री राम शलाका प्रश्नावली उत्तर 3

उत्तर: इस कार्य में भलाई नहीं है। कार्य की सफलता में संदेह है।

चौपाई : उघरहिं अंत न होइ निबाहू। कालनेमि जिमि रावन राहू॥

अर्थ:- जो (वेषधारी) ठग हैं, उन्हें भी अच्छा (साधु का सा) वेष बनाए देखकर वेष के प्रताप से जगत पूजता है, परन्तु एक न एक दिन वे चौड़े आ ही जाते हैं, अंत तक उनका कपट नहीं निभता, जैसे कालनेमि, रावण और राहु का हाल हुआ

राम चरित मानस में स्थान : यह चौपाई बालकाण्ड के आरम्भ में सत्संग वर्णन के प्रसंग में है।

सुप्रबिहोमुसुनुबिधि
रुसिसिरहिंबसहिमंअं
सुजसोसुकुधाबेनो
त्यकुजोरिकीहोसंरा
पुसुसीजेसंरेहोनि
हूँचिहिंतु
कामिमीम्हाजाहूहीं
तारारेरीहृकाखाजूरापू
निकोगोमुजियँनेमनिहि
हिरामिरिन्मुखिजिजिजं
सिंनुकौमिनिजर्कधुसुका
गुरिनिढँती
नापुतुनुवै
सिहूँसुम्हरा
लाधीरीहूहींखाजूरारे

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