उत्तर: कार्य पूर्ण होने में संदेह है, अत: उसे भगवान पर छोड़ देना श्रेयस्कर है
चौपाई : होइ हि सोई जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा॥
अर्थ: जो कुछ राम ने रच रखा है, वही होगा। तर्क करके कौन शाखा (विस्तार) बढ़ावे। (मन में) ऐसा कहकर शिवजी भगवान्श्री हरि का नाम जपने लगे और सतीजी वहाँ गईं, जहाँ सुख के धाम प्रभु श्री रामचंद्रजी थे॥
राम चरित मानस में स्थान : यह चौपाई बालकाण्ड में शिव पार्वती संवाद की है।