दशहरा – कविता
दशहरा(स्वरचित - अभिनव ✍️) सूख शांति का पर्व,हमें इस पे गर्व । मंगलमय वेला,आई रौनक मेला…
दशहरा(स्वरचित - अभिनव ✍️) सूख शांति का पर्व,हमें इस पे गर्व । मंगलमय वेला,आई रौनक मेला…
दुनिया का सबसे अमीर आदमी झोपङी मे रहता हैं,महल में तो गरीब रहते हैं अज़य महिया मैं समझने…
मैं एक हिन्दू हूं पहले मैं किन्तु परंतु था,अब मगर केंद्र बिंदु हूं,गर्व से कहता हूं कि,मैं…
देखो शेर आ गया….. सौगंध अपनी पूरी करने,देखो शेर आ गया ।राम जी को अवध लेके,अपना शेर आ गया ।…
अग़र मै और तुम एक हो जाएं, जग की सारी खुशी मुझे मिल जाए | होंगे एक तो लहरें गाएंगी,हवा…
उनसे ही रोशन ये दिल है मैं रात रात भर रोता हूं,खुद रोते रोते सोता हूं,कोई पूछने भी ना है…
क्या बुरा किया था ?ये तो बता दो ।बताकर कसूर,फिर बेशक सज़ा दो । अभिनव कुमार चुपचाप सह गए,तो…
क्यों घर यूं ही लौटते हो काकाकुछ दीये हम भी ले लेंगेक्यों खामोश बैठे हो काकाथोड़ा सा बतिया…
जो देश की बात करे उसके हम साथ चले जो देश की बात करेउसके हम साथ चलेबनाना है नए भारत कोआओ हम…
मुझे किताबों ने क्या सीखाया और क्या सीखा रही हैं, मैं ब्यां नहीं कर सकता,यदि जानना चाहते…
शब-ए-घोर अंधियारे में ,आज करूणा-कंठ भरे हैंकठोर हृदय मृदुल हुआ,सब आँखों में नीर झरे हैदशा…
काश आ जाएं फ़िर भगत सिंह काश आ जाएं फ़िर भगत सिंह,काश दहाड़े वो साहसी सिंह,भारत का होवे…
एक ऐसी शक्ति,करे विश्व भक्ति ।एक ऐसा विश्वास,जगाए सदैव आस । एक ऐसा संकल्प,दृढ़ता बस विकल्प…
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