राही – अक्षी त्रिवेदी
नूर का लुत्फ़ उठा रहा राही,कहीं उसका आदी न हो जाए,चंचल किरने कर रही सामना,कहीं वक़्त से मुलाक़ात न…
नूर का लुत्फ़ उठा रहा राही,कहीं उसका आदी न हो जाए,चंचल किरने कर रही सामना,कहीं वक़्त से मुलाक़ात न…
युद्ध हो रहा है सूरत-ए-हाल दुनिया का ये क्या हो रहा है लौमड़ भर रहा तिजोरी और जोकर रो रहा है जंग-ए…
रवि शब्दों से रचा हुआ खेल कभी,कहाँ किसिको समझ में आया हैं,दूर से सब देख रहा वो,पर कभी क्या समझाने…
कलमशब्द कम पड़ जाते हैंजब प्रेम उमड़ता है ढेर साराप्रियतम तक पहुचना चाह्ती है कलम दिल के हर जज्बात …
भिन्न भिन्न चेहरे अलग-अलग रंग औरअलग-अलग रूप के बहार से नहीं अंदर के ये चेहरे कोई है…
प्रेम एक स्वछंद धारा एक प्रेम भरी दृष्टि और दो मीठे स्नेहिल बोलों से बना सम्पूर्ण…
“माँ” मैं हूँ हिस्सा तुम्हारा और रहूंगी सदा छाया तुम्हारी आज दूर हूँ तुमसे पर हर पल मन में है छवि…
तेरे शहर में आने का दिल करता है बार बार...मैं ढूँढता हूँ बार बार, तुझे देखने के बहाने हजार, अब तो…
(तुम्हारा संदेसा आया) मेरे गीतों के स्वर तुमसे सजे हैं “प्रिय”दिन-रात कानों में गूँजें…
स्त्रियांजलप्रपात सी बजती छन-छन उछलती मचलती सरस सी जलधार सहज ,शीतल,सफ़ेद मोतियों का कंठ हार प्रेम…
काश तू कभी मिली ना होती तो अच्छा होता दोस्तों के बहकावे मे ना आया होता तो अच्छा होता!! तुमने नजाने…
बे'वजह ,असमय बोलने मे तेरा फायदा ही क्या है, अपनी कमजोरियों को दिखाने से फायदा ही क्या है ।।…
कुछ शेर 'उन' के नाम लहरों के यूं ही किनारे खुल गएसुना है उनको बागी हमारे मिल गए,ये उफनती…
टिप टिप टिप टिप बूंदेटिप टिप टिप टिप बूंदे ये मचा रही हैं शोरमन में कौंधा सा हुआ मेघ घिरे घनघोर। टिप…
ए मुसाफ़िर थक गया है तो थोड़ा आराम कर ले,फिर उठ और अपनी मंजिल अपने नाम कर ले । इतना मत भागथोड़ा…
कविता-बचपन कल की ही बात थी वो,जब गुड्डे-गुड्डियों का खेल था ।बस.. वो ही यह दिन था,जिसमे बचपन का मेल…
प्रेम है, बसंत हैं। राह तकती है पंखुड़ियांतितलियों कीजानती है वे बैठ बालियों परपराग निचोड़ उड़…
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