अभिनव कुमार – छद्म रचनाएँ – 10
बढ़े से भी खाता हूं,छोटे से भी खाता हूं,गालियां खाने की आदत है,अपना धर्म निभाता हूं । अभिनव कुमार…
बढ़े से भी खाता हूं,छोटे से भी खाता हूं,गालियां खाने की आदत है,अपना धर्म निभाता हूं । अभिनव कुमार…
मित्र तो ज़रूर हों बेशक चाहे कम हों,पर मित्र तो ज़रूर हों ।समझने का दम हो,चाहे कोसों दूर हों ।…
आज़ादी एक अभिव्यक्ति है,जिसे महसूस कर सकती सिर्फ़ देशभक्ति है,आज़ादी एक अहसास है,जिसपर हर…
कितने साल गुज़र गए तेरी गलियों में आते-जाते पता ही नहीं चला, ना तू मिल सकी ना तेरा निशां || अज़य…
थक गया हूं लड़ - लड़कर हालातों से,दुआ करो कि अब ये आघात आखिरी हो। आँखें हैं कि इंतज़ार में तेरे बहे…
कितने खुबसूरत लब्ज़ है तुम्हारे,कभी जी कभी यार कहती हो |सुना है ये प्यार-व्यार का चक्कर यहीं से शुरू…
ये हाड़-मांस की कैसी भूख ये हाड़-मांस की कैसी भूख !मृग-तृष्णा ये, दूर का सुख,मत कर इसका व्यसन तू…
दिल पहली बार था धड़कामैं देख के उसको भड़कादेखा था उसको शादी मेंवो लगे नहाई चांदी में पहले प्यार का…
तेरी ज़िन्दगी का हर मोङ सुकुन से भरा होगा |मै नहीं तो कोई और तो तुझ पर मरा होगा | अज़य महिया ग़फ़लत…
मनोरोगी,मैं हूं ढोंगी,और हूं वाहियात,मैं केवल भोगी । अभिनव कुमार सारी कमियां मेरे नाम,मुझपर ही सारे…
नज़र उठाकर देखा जिसे,वो हुस्न वाले बङे महफ़ूज़ निकले |क्या सुनें उनकी अदाओं की गुस्ताख़ियां,वो ख़ुद…
लगी है दिल की तुमसे ,मैं तुम्हे ये बात कैसे बताऊं |कभी याद,कभी ख्वाब सब आते हैं पर तुम्हे कैसे…
तेरी आँखो की मदहोशियां,जु़ल्फों के तराने, मुझे पल भर रोने नहीं देते हैं |दिन तो जैसे-तैसे गुज़र जाता…
मेरी प्यारी बेटीनन्हे -नन्हे पग रखकर,जब चलती गुड़िया प्यारी।मुस्कान तेरी ऐसी,कि मैं बलिहारी…
ज्ञान का प्रकाश मिट जाए सारा अंधकार,दीपक तुम यदि बन जाओ । शिक्षा का प्रकाश फैलाव,मिट जाए सारा अज्ञान…
मां तेरी याद आई मां तुम खुशी का सागर,प्रेम की मूरत हो। दया प्रेम निस्वार्थ भावना,तेरे आंचल में समाया…
सगी नहीं परायी ही सही ,काश कोई मेरी भी बहन होती !! हर बात पर चिढ़ती, हर बात पर मुझे चिढ़ाती,हर छोटी…
रात भर जागकर तेरे एक कॉल का इंतज़ार करते हैं |सारा दिन बैठ कर तुझे देखने को भी बेकरार रहते हैं…
!! तू कहे !! तू कहे तो तेरे पल्लू का आंचल चुरा लू ,तू कहे तो तेरे नयनो काजल चुरा लू ,तू कहे तो तेरे…
खुशियों के दीप जलें हैं तुम पर हरिताभा-सी छाई है |विरहिणी की दीवार पर विरहाग्नि-सी लौट आई है ||किससे…
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