आज़ादी एक अभिव्यक्ति है,
जिसे महसूस कर सकती सिर्फ़ देशभक्ति है,
आज़ादी एक अहसास है,
जिसपर हर हिंदुस्तानी को नाज़ है ।
इसकी अनुभूति हर किसी के बस की बात नहीं,
इसको मनाना केवल एक दिन और एक रात नहीं ।
ये हर दिन, हर पल, हर लम्हा सीने में चलती है,
तब जाकर उस देश की छठा निखरती है ।
आओ मनाएं आज़ादी हम,
जज़्बा ना हो कभी भी कम,
भगत सिंह की कुर्बानी को,
याद रखें हम तुम हरदम ।
भ्रष्टाचार को मार भगाएं,
देश की खातिर मर मिट जाएं,
धर्म जात को भूल भालकर,
भारत मां को शीश झुकाएं ।
तब ही है सच्ची आज़ादी,
वरना ये तारीख़ है खाली,
प्रेम-भाव, सौहार्द से बड़कर,
क्या होली, क्या है दिवाली ।
लेखन प्रयासरत – अभिनव ✍🏻