नोटबंदी के फायदे व नुकसान
8 नवंबर 2016 की रात आधी रात को 500 और 1000 रूपये के नोट अचानक से बंद कर प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को अचंभित कर दिया था। नोटबंदी के पीछे चार कारण बताए गए थे, जिसमें भ्रष्टाचार पर रोक लगाना तथा काले धन को समाप्त करना प्रमुख रुप से थे। नोटबंदी के दौरान आम आदमी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था फिर भी नोटबंदी के दौरान देश की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी के निर्णय का सम्मान करते हुए इस मुहिम में उनका साथ दिया परंतु नोटबंदी के लगभग 8 महीने बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पहली बार व्यापक रूप में आंकड़े जारी किए हैं, जिसके बाद सियासी घमासान छिड़ गया है। एक तरफ सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर अपनी सफलता और नोटबंदी के फायदे गिना रही है तो वहीं विपक्ष ने रिजर्व बैंक के आंकड़ों को मुद्दा बनाकर नोटबंदी पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं परंतु अगर देखा जाए तो नोटबंदी से एक तरफ देश को काफी नुकसान झेलना पड़ा है तो कहीं न कहीं इसके फायदे भी हुए हैं।
नोटबन्दी से नुकसान
1- कंपनियों के कारोबार पर बुरा असर-: नोटबंदी से कंपनियों के कारोबार पर अवश्य ही बुरा प्रभाव पड़ा। कंपनियों का प्रॉफिट घटा। रेटिंग एजेंसी IRCA की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 448 कंपनियों की ग्रोथ में गिरावट दर्ज की गई।
2- जीडीपी में गिरावट-: नोटबंदी से भारत की जीडीपी पर पर भी बुरा असर पड़ा। पिछले वर्ष देश की जीडीपी गिरकर 6.6 दिन रह गई थी। यह आंकड़े सीएसओ ने जारी किए थे जबकि यह दर 2015-16 के दौरान 7 फीसदी से ज्यादा थे। आंकड़ों के अनुसार वस्तुओं का निर्यात बढ़ा है लेकिन जीडीपी की तुलना में इसकी हिस्सेदारी घट रही है। जहां वर्ष 2013-14 में वस्तुओं के निर्यात की जीडीपी में हिस्सेदारी 17.16 फीसदी थी वहींं 2016-17 में यह घटकर 12.38 फिर ही रह गई।
3- बचत खातों की ब्याज दरों में कमी-: नोटबंदी के बाद बचत खातों की ब्याज दर भी कम कर दी गई, जिससे देश के सामान्य वर्ग के लोगों को काफी नुकसान झेलना पड़ा क्योंकि नोटबंदी से पहले बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में पैसा नहीं होता था तो लोगों के द्वारा सेविंग अकाउंट में पैसा रखने पर बैंक द्वारा अधिक ब्याज दी जाती थी, वहीं नोट बंदी के बाद सारा पैसा जो बाहर था बैंकों में पहुंच गया जिसके कारण अधिकतर बैंकों ने सेविंग अकाउंट की ब्याज दरों को आधा फीसदी तक कम कर दिया।
नोटबंदी से फायदे
1- सस्ता कर्ज-: नोटबंदी से सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि बैंकों में अचानक बढ़ी जमा राशि से लोगों को सस्ते कर्ज का रास्ता साफ हो गया। होम लोन सहित अन्य सभी लोन पर भी बैंकों में अपनी दोरों को घटा दिया। पिछले साल जहां होम लोन की दरें है 10.5 फीसदी से लेकर 12 फ़ीसदी तक थी, वहीं अब यह घटकर 8 से 9 फीसदी आ गई हैंं।
2- ब्लैक मनी का सामने आना-: आरबीआई के आंकड़े आने के बाद का खुलासा हुआ है कि 99 फीसदी पैसा बैंकों में वापस आ गया है, तो लोगों का कहना है कि जब 99 फीसदी पैसा बैंकों के पास आ गया है तो ब्लैक मनी कैसे समाप्त हुई। परंतु सबसे बड़ी बात यह है कि सारा पैसा बैंकिंग सिस्टम में जमा होने से ब्लैकमनी और व्हाइट मनी का पता आसानी से चल जाएगा।
3- इनकम टैक्स में इजाफा-: नोटबंदी से एक अन्य फायदा यह हुआ है कि सारा पैसा बैंकिंग सिस्टम में आने से लोगों ने टैक्स देना भी शुरू कर दिया है। आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि पिछले साल 91 लाख नये टैक्स दाता बढ़े हैं जो कि पिछले साल की तुलना में 80 फीसदी भी ज्यादा है।
4- कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा-: नोटबंदी करने का एक अन्य कारण कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना भी था, जिससे पूरा कारोबार ऑनलाइन हो सके। कैशलेस ट्रांजेक्शन से बाजार में नोटों की जरूरत कम हुई तथा टैक्स चोरी रोकने में भी मदद मिली। रिजर्व बैंक के डाटा के अनुसार नवंबर 2016 से मार्च 2017 के बीच 33 फीसदी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ा है।
5- महंगाई पर रोक-: नोटबंदी से एक अन्य फायदा महंगाई कम करने के रुप में सामने आया है। काले धन से फिजूलखर्ची बढ़ती है और सामान के दाम बढ़ जाते हैं लेकिन बैंकिंग सिस्टम में पूरा पैसा आ जाने से यह चीजें रूकी हैंं। 2016 में महंगाई की दर 3.63 फीसदी थी वहीं जुलाई 2017 में यह घटकर 2.36 फीसदी आ गई है।