मेरा गीत
तुमसे शुरु है तुम पर खतम
निसार कर दु मैं ये जनम
कल ही मिली थी तुम राह में
रात भर न सोये तुम्हारी चाह में
खयालो से मेरे जाती नहीं ….
तुम मेरी बातो में आती नहीं …..
ना तुम करो मुझ पे इतने सितम
निसार कर दु मैं ये जनम
तुमसे शुरु है तुम पर खतम
निसार कर दु मैं ये जनम
बहती नदी सी है ज़ुल्फ़े तेरी
है टूटते सितारों सी पलके तेरी
आँखों में तेरी है चांदनी…..
चेहरे पे तेरे है रौशनी……
चुरा लूंगा तुमको मैं तुमसे सनम
निसार कर दु मैं ये जनम
तुमसे शुरु है तुम पर खतम
निसार कर दु मैं ये जनम
इन हाथो में मेरे तेरा हाथ हो
ये दिलकश नज़ारे भी साथ हो
संवर जाएंगे ये दिन मेरे……
फिर क्या गम रहते तेरे…….
इतना सा कर दो तुम मुझपे करम
निसार कर दु मैं ये जनम
तुमसे शुरु है तुम पर खतम
निसार कर दु मैं ये जनम