अक्षी त्रिवेदी – छद्म रचनाएँ
लंबा सफ़र तय किया है जो,आज उसे अंजाम देना है,कई आशाएँ जुड़ी है हमसे,बस अब विराम देना है।अक्षी…
लंबा सफ़र तय किया है जो,आज उसे अंजाम देना है,कई आशाएँ जुड़ी है हमसे,बस अब विराम देना है।अक्षी…
नूर का लुत्फ़ उठा रहा राही,कहीं उसका आदी न हो जाए,चंचल किरने कर रही सामना,कहीं वक़्त से मुलाक़ात न…
रवि शब्दों से रचा हुआ खेल कभी,कहाँ किसिको समझ में आया हैं,दूर से सब देख रहा वो,पर कभी क्या समझाने…
Welcome, Login to your account.
Welcome, Create your new account
A password will be e-mailed to you.