कविता

इतनी सी बात

इतनी सी बात

इतनी सी बात समझ नहीं आई
जिंदगी बीत गई भाई।

क्या रखा है ऊंच—नीच की लड़ाई में
जिंदगी बीत जाएगी बस सुनवाई में।

अभी भी समय है समझो इतनी सी बात
मत काटो गला मानवता की लड़ाई में।

आज इसके, कल उसके, परसो तुम्हारे साथ
हो सकती यही बात, समझो इतनी सी बात।।

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