कविता

हम – कविता

हम

चाय के शौकीन हम
धुन में अपनी लीन हम
जब लगेगी अपनी किस्मत
होंगे तब रंगीन हम

छा रहा है बादलों का
हल्का सा पहरा यहां
हो चला सबकुछ धुआं सा
अब है आती नींद कम।

©शुभम शर्मा 'शंख्यधार' शुभम शर्मा का जन्म जिला शाहजहांपुर यू ०प्र० के एक छोटे से कस्बे खुटार में हुआ। ये उन स्वतंत्र लेखकों में से हैं जो सिर्फ अपने मनोरंजन के लिए तथा अपने खाली समय में अपने अंदर झांककर उसका सदुपयोग करने के लिए लेखन करते हैं। आप…

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