जिन्हें याद नहीं पूर्ण वर्णमाला,
उन्हें हिंदी दिवस की शुभकामना ।
उपरिलिखित से मैं भी अछूता नहीं हूं,
यकीन मानिए, मैं भी अधूरा हूं, पूरा नहीं हूं ।
आपके ही ऊपर उंगली नहीं उठा रहा हूं,
खुद को भी दोषी ठहरा रहा हूं,
काश हिंदी तू इतनी बदनसीब ना होती,
तेरी कद्र हर एक को होती ।
हिंदी सदैव अपनाएं हम,
शुरुआत हो, जबसे हो जन्म,
राष्ट्र-प्रेम झलकाती ये है,
इसके संग रंग जाएं हम ।
खुद के विचार, ‘अभिनव’ सार