देश-भक्ति, राष्ट्रवाद, भारत पर शायरी सुविचार
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही !
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही!!
अज्ञात- – MeriRai.com द्वारा राष्ट्रप्रेम की भावना से प्रकाशित
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
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देश की हिफाजत मरते दम तक करेंगे
दुश्मन की हर गोली का हम सामना करेंगे
आजाद हैं और आजाद ही रहेंगें
अज्ञात- – MeriRai.com द्वारा राष्ट्रप्रेम की भावना से प्रकाशित
लड़े जंग वीरों की तरह,
जब खून खौल फौलाद हुआ |
मरते दम तक डटे रहे वो,
तब ही तो देश आजाद हुआ ||
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चैन ओ अमन का देश है मेरा, इस देश में दंगा रहने दो!
लाल हरे में मत बांटो, इसे शान ए तिरंगा रहने दो
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मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है
और मेरा मुल्क ही मेरी जान है,
इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ,
नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।
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तीन रंग का नही वस्त्र, ये ध्वज देश की शान है,
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान है,
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान है
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं।
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लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछ्ल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।
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ये बात हवाओ को बताये रखना,
रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की,
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना
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बोझ उठाए हुए फिरती है हमारा अब तक,
ऐ ज़मीं माँ तिरी ये उम्र तो आराम की थी
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जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो:
जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो:
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन,
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।
अज्ञात- – MeriRai.com द्वारा राष्ट्रप्रेम की भावना से प्रकाशित
खुशनसीव हैं वो जो
वतन पे मिट जाते हैं,
मर कर भी वो लोग
अमर हो जाते हैं,
करता हूँ तुम्हे सलाम
ऐ वतन पर मिटने वालो,
तुम्हारी हर सांस में बसना
तिरंगे का नसीव है।
जय हिन्द…!
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मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है,
कि चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है,
मैं अमन पसंद हूँ,
मेरे शहर में दंगा रहने दो,
लाल और हरे में मत बांटो,
मेरी छत पर तिरंगा रहने दो।
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चूमा था वीरों ने फांसी का फंदा
यूँ ही नहीं मिली थी, आजादी खैरात में
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जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है
अपने खून से जिस जमीं को सींचा
उन बहादुरों को सलाम है
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खून से खेलेंगे होली,
अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है
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जो अब तक ना खौला, वो खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है
अज्ञात- – MeriRai.com द्वारा राष्ट्रप्रेम की भावना से प्रकाशित
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा
अज्ञात- – MeriRai.com द्वारा राष्ट्रप्रेम की भावना से प्रकाशित
मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये
अज्ञात- – MeriRai.com द्वारा राष्ट्रप्रेम की भावना से प्रकाशित
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा
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जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है
अपने खूं से जिस जमीं को सींचा
उन बहादुरों को सलाम है.
अज्ञात- – MeriRai.com द्वारा राष्ट्रप्रेम की भावना से प्रकाशित