देखो शेर आ गया…..
सौगंध अपनी पूरी करने,
देखो शेर आ गया ।
राम जी को अवध लेके,
अपना शेर आ गया ।
उसकी हुंकार सुन,
शत्रु तो घबरा गया ।
सीना चौड़ा करके अपना,
देखो शेर आ गया ।
चारों तरफ चर्चा उसकी,
सबके दिल पे छा गया ।
बिना रुके, बिना झुके,
देखो शेर आ गया ।
उसके तप को देख ऋषि,
अचरज में आ गया ।
दृढ़ता की मिसाल पेश कर,
देखो शेर आ गया ।
देश भक्ति देख उसकी,
हर जन हर्षा आ गया ।
हिंद हित का मान रखने,
देखो शेर आ गया ।
निष्ठा, लगन, चाल, ढाल,
तुलना में कोई ना रहा ।
उसको देख वाकई लगे,
सच में शेर आ गया ।
लेखन प्रयासरत – अभिनव ✍🏻