बेमतलबी बचपन बातें थी,बेमतलब, बेख़ौफ़बेवजह, बकवास। बचपन था,बेसब्र, अल्हड़हैरान-परेशान, मासूम। दोस्ती…
मैं…ख्वाब…और जाम ! चाहत की है बात नहींमैंने सब यूं ही छोड़ दियाकैसे तेरे पास रुकूंवेवजह कुछ करना…
मेरा कीमती उपहार …. हाय ये कैसा भौतिकवादी युग !भोग, लालसा, धन की बस भूख,क्या चाहिए, कुछ पता…
अल्फ़ाज़ तो महज़ एक हवा का झोंका हैहमने तो बेवक्त भी जग को बदलते देखा है अजय महिया ये जो ठंडी-सर्द…
ख़ुद को खुदा, तुझको जुदा है माना मैंने,सच कहूँ - ख़ुद को बिल्कुल भी ना जाना मैंने !एक अरसे बाद आज मेरी…
मुझे ज़िन्दगी तुझसे शिकायतें बहुत हैं,तुझे दी मैंने हरपल हिदायतें भी बहुत हैं,आज निकला जब मैं सड़क…
हमारी वो मासूम मां, जिनके पास ऐसी मासूम मां हैं जिनका …… न कोई सोशल मीडिया पर अकाउंट हैं, न फोटो ,…
रोजगार की चाहत खाली कंधो पर थोड़ा सा भार चाहिए।बेरोजगार हूँ साहब रोजगार चाहिए।जेब में पैसे नहीं…
कभी साथ बैठो तो पता चले की क्या हालात है मेरेअब तुम दूर से पूछोगे तो सब बढ़िया हालात है मेरेमुझे घमंड…
आसान है क्या … आसान है क्या ?सोचो तो सब कुछ !सोचो तो कुछ भी नहीं ! चिंतन पर,सबकुछ ही निर्भर,क्या…
हर सुबह का धूआं कोहरा नहीं होता है ।हर रात का चन्द्रमा काला नही होता है ।।बीत जाते हैं ज़िन्दगी के…
नज़रों की सीमा से मीलों उपरकोई गीत मिलन के गाता हों। जहां सूरज बातें करता होंबिखरी रोशनी समेटता हों।…
मैं आसमां और तू जमीं (शायरी)बड़ी लंबी नहीं है डोर जो है तेरी मेरीमैं आसमां तेरा तू है जमीं मेरीजब जब…
हम चाय के शौकीन हमधुन में अपनी लीन हमजब लगेगी अपनी किस्मतहोंगे तब रंगीन हम छा रहा है बादलों काहल्का…
कुछ किताबें उन मांओं पर लिखी जानी चाहिए,जिनके दिन चुल्हें के धुएं की धुंध बनकर रह गए।एक पन्ना भी मन…
जीव जन्तु,जैसे शिव शंभू,बचाते पर्यावरण,ना किन्तु परन्तु ।अभिनव कुमार दो हाथ जब मिल जाएं,पशु, पेड़ फ़िर…
और जब मोहब्बत कारुख़ बदलेगाअपनी दिखावट सेअपने होने भर केअहसास मेंतब,अपनी कहानी केसबसे प्रभावशाली…
बस अभी अभी तो…. अभी सूरज ढलाअभी चांद आ गयारात आंखों में थीमैं बोतल में आ गया अभी थे तारे खिलेअभी…
तुम जान लो,मैं जानती हूंये बातों की लड़ीजो स्वाभाविक आजमेरी जीवन कीशैली हो गई है,यह आदत एक रोज़हवा…
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