बेमतलबी बचपन
बातें थी,
बेमतलब, बेख़ौफ़
बेवजह, बकवास।
बचपन था,
बेसब्र, अल्हड़
हैरान-परेशान, मासूम।
दोस्ती थी,
सुकून, शरारती
बगावती, मनमौजी।
सोचती हूं, आज बचा है क्या है
बस, छुटपन की कुछ यादें
आम का पेड़, कैरी
गपशप वाला टूटा-जर्जर अड्डा,
और भीड़ में गुम,
इधर मैं, उधर तुम।