रीझ-रीझ कर खीझ रहा हूँ ,
जब से जग में होश संँभाला ।
प्रेम पुरातन याद नहीं अब,
जब से छूटा साथ तुम्हारा ।।
हम भूले तो तुम भी भूले,
हारे की मत बाट जोहना ।
हम भी तेरे, माया तेरी ,
देर नहीं, झट मिलो मोह ना ।।