गर्भावस्था में संतुलित आहार न लेना बन सकता है मां और शिशु के लिए खतरा।

गर्भावस्था में संतुलित आहार न लेना बन सकता है मां और शिशु के लिए खतरा।

गर्भावस्था किसी भी स्त्री की जिंदगी का एक अहम पड़ाव होती है, गर्भावस्था में महिला के अंदर शारीरिक व मानसिक दोनों ही तरह के बदलाव होते हैं ऐसी स्थिति में अधिक देखभाल और संतुलित आहार की आवश्यकता होती है जो कि मां के साथ साथ भ्रूण में पल रहे शिशु के विकास के लिए अति आवश्यक है।गर्भ में पल रहा शिशु मां के शरीर से ही पोषक तत्व प्राप्त करता है इसीलिए एक गर्भवती स्त्री को विशेष खान पान की सलाह दी जाती है अन्य अवस्थाओं की अपेक्षा इस अवस्था में अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का सुझाव है कि गर्भवती स्त्री को सामान्य से 300 कैलोरी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है कैलोरी के अतिरिक्त अन्य पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, फास्फोरस, फोलिक एसिड, आयरन तथा प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का समावेश गर्भवती महिला के आहार में किया जाना चाहिए।

किस किस पोषक तत्व की कितनी मात्रा आहार में सम्मिलित की जानी चाहिए उसका विवरण नीचे दिया गया है।

1- फोलिक एसिड-: फोलिक एसिड गर्भवती महिला के लिए अत्यंत आवश्यक पोषक तत्व है फोलिक एसिड से गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क का विकास होता है तथा रीढ़ की हड्डी के विकास में मदद करता है सामान्यतः फोलिक एसिड विटामिन बी9 है यह मुख्य रूप से गहरी हरे रंग की सब्जियों, संतरा, साबुत अनाज, चुकंदर जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है परंतु खाद्य पदार्थों में इसकी मात्रा कम होती है इसीलिए 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड टेबलेट रोजाना गर्भवती होने से पहले ली जानी चाहिए।

2- कैल्शियम-: अन्य पोषक तत्वों की तरह गर्भवती महिला के आहार में उचित कैल्शियम का समावेश होना चाहिए। केल्सियम हड्डियों के विकास के साथ-साथ दांतो, नाखून व बालों के विकास के लिए आवश्यक होता है कैल्शियम गर्भवती महिला में ब्लड प्रेशर की समस्या को नियंत्रित करने में सहायक होता है। प्रतिदिन गर्भवती महिला को कम से कम 1000 मिलीग्राम कैल्शियम लेना चाहिए। कैल्सियम के स्रोत है- दही, दूध, सोयाबीन, पनीर, बादाम आदि।

3- आयरन व खनिज लवण-: आयरन की कमी से गर्भवती महिलाओं में एनीमिया (खून की कमी) की समस्या हो जाती है आयरन की आवश्यकता हीमोग्लोबिन बनाने के लिए होती है शाकाहारी भोजन में आयरन की मात्रा कम होने के कारण महिलाओं को मात्र 18 मिलीग्राम आयरन ही भोजन से मिल पाता है जबकि गर्भवती महिला को 38 ग्राम आयरन की रोजाना आवश्यकता होती है शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद व स्वास्थ्य मंत्रालय महिलाओं को आयरन सप्लीमेंट देने की सलाह देते हैं यह सप्लीमेंट गर्भवती महिलाओं को तीसरे महीने से ही 100 मिलीग्राम की टेबलेट के रूप में लेना चाहिए।

4- प्रोटीन-: गर्भावस्था में थायमीन, राइबोफ्लेविन तथा निकोटीन एसिड की अधिक आवश्यकता होती है विटामिन सी की आवश्यकता सामान्य से 50 मिलीग्राम अधिक होती है गर्भधारण के समय आहार में प्रोटीन के समावेश से गर्भ में पल रहे शिशु का समुचित विकास होता है।

5- कैलोरी-: सामान्य महिलाओं को रोजाना 2100 कैलोरी की आवश्यकता होती है वहींं गर्भवती महिला को 2400-2500 कैलोरी की रोजाना आवश्यकता होती है।

महिलाएं वजन बढ़ने के डर से या अंधविश्वासों के कारण उचित पोषण तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करने से कतराती हैं ऐसे में उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जो मां के साथ-साथ शिशु के विकास में भी बाधक होती है इसीलिए वजन की चिंता न करके संतुलित आहार ग्रहण करें तथा आहार को लेकर समाज में फैंली भ्रांतियों से बचें।

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