अभिनव कुमार छद्म रचनाएँ – पर्यावरण

जीव जन्तु,
जैसे शिव शंभू,
बचाते पर्यावरण,
ना किन्तु परन्तु ।

अभिनव कुमार

दो हाथ जब मिल जाएं,
पशु, पेड़ फ़िर खिलखिलाएं,
वातावरण जीवित हो जाए,
आओ धरा बचाएं ।

अभिनव कुमार

गागर में साग़र,
सबकुछ ही उजागर,
इन्सां, पेड़-पौधे, जानवर,
मिलकर बनाएं जीवंत पर्यावरण,
आमीन !

अभिनव कुमार

वन्य जीव,
जैवमंडल की नींव,
गर हों जो विलुप्त,
संतुलन हो क्षीण ।

अभिनव कुमार
कविता