जीव जन्तु,
अभिनव कुमार
जैसे शिव शंभू,
बचाते पर्यावरण,
ना किन्तु परन्तु ।
दो हाथ जब मिल जाएं,
अभिनव कुमार
पशु, पेड़ फ़िर खिलखिलाएं,
वातावरण जीवित हो जाए,
आओ धरा बचाएं ।
गागर में साग़र,
अभिनव कुमार
सबकुछ ही उजागर,
इन्सां, पेड़-पौधे, जानवर,
मिलकर बनाएं जीवंत पर्यावरण,
आमीन !
वन्य जीव,
अभिनव कुमार
जैवमंडल की नींव,
गर हों जो विलुप्त,
संतुलन हो क्षीण ।