कृष्ण चरित्र माला

|| कृष्ण चरित्र माला || कुशल राजनीतिज्ञ,सब ही कृतज्ञ । कूटनीति में दक्ष,सदैव निष्पक्ष । तपस्वी, बलवान,दानी, दयावान । कर्तव्यशील, कुशल,धैर्यवान हरपल । प्रजापालक, पराक्रमी,राजधर्म सर्वोपरि । संयमी, शीलवान,सदाचारी, सर्वविद्यामान । योगविद्या में महारत,महानायक महाभारत । नम्र, चतुर,कर्मठ, हर गुण । तेजस्वी, कुंजबिहारी,सुदर्शन चक्रधारी । आर्यश्रेष्ठ योगिराज,श्री कृष्ण महाराज । उनका मार्ग अनुसरण,करें सब ही […]

आऊंगा फ़िर, पाप करने ख़तम …

आऊंगा फ़िर, पाप करने ख़तम … है माखन चोर,मेरा नन्द किशोर,जैसे नाचे मोर,उसका ही दौर । नटखट हैं कान्हा,सबको है थामा,हर युग ने माना,ब्रज की वो आभा । आज उनका जन्म,पर्वों का पर्व,भारत को गर्व,ये सच्चा धर्म । आस्था एवं श्रद्धा,उल्लास से मनता,सबकुछ ही रमता,हर और है समता । वो बाल गोपाल,थे यशोदा लाल,मित्र संग […]

तुम ही आधार हो

|| तुम ही आधार हो || तुमसे प्रीत की ये रीत है नयी   पर हौसलों की उड़ान है सधी,  मुख है निशब्द और ह्रदय सरल  पर मन के भाव हैं मेरे बड़े प्रबल |  ये शाख, ये पत्तियां भी विचारती हैं  विशद हैं भाव कितने मेरे जानती हैं  स्वप्न में हो तुम मेरे अब सब जगह  ह्रदय में मेरे बस चुके ये मानती हैं | कविता की मेरी तुम अब हो विषय  दोहराऊंगा इसे मैं अब हर जगह  “नींद” से अपनी अब तुम उठो ज़रा  ह्रदय के मार्ग पे तुम चलो ज़रा |  कल्पना को मेरी तुम स्वीकार लो  काव्य के मेरे अर्थ को पहचान लो  प्रेम को वाक्य में हैं पिरो रहे  हर शब्द का बस तुम ही आधार हो |     

राममय अब है संसार

सुन्दर चरित्र की कल्पना,  होते ही मन में, राम तुम | त्याग, निष्ठा, धर्म, ज्ञान,  की परिभाषा, बस, राम तुम | वायु, धरा के, अंश-अंश में,  हो समोप्त, मेरे आराध्य;  धन्य जीवन हो गया,  राममय अब है संसार | हर मन में राम, चेतना में राम,  तुम में सम्मलित, चारो ही धाम;  तुम ही प्राण, तुम ही आधार,  सृष्टि के तुम पालनहार | हे रघुवीर, मेरे घनश्याम तुम अनंत, सदैव विद्यमान, कृपा करें प्रभु आशीष दें श्री अयोध्याजी पुनः विराजिए |

मैं एक हिन्दू हूँ,

मैं एक हिन्दू हूँ, मैं एक हिन्दू हूँ,रावी हूँ और सिंधू हूँ,महत्वपूर्ण एक बिन्दु हूँ,दे चांदनी, वो इंदु हूँ । ना बिल्कुल मैं हूँ भयभीत,ना ही हूँ असुरक्षित,मेरा धर्म मेरी जीत,वो चाहे सबका हित । किसी पर कभी ना है थोपे,किसी का रास्ता नहीं ये रोके,है दर्पण ये, ना बिल्कुल धोखे,आस्था के भरपूर हैं झोंके […]

फ़िर आए राम …

फ़िर आए राम … अपने अवध में,फिर आए राम,,इस कलयुग में,घर आए राम । पाप ख़त्म करने,फ़िर आए राम,,ज़ख़्मों को भरे जो,मरहम हैं राम । प्यार बहुतायत में,साथ लाए राम,,ना आए शायद में,निःसंदेह आए राम । मोदी जी सदृश,आज आए राम,,हनुमान गए दिख,योगी जी स्वभाव । जीते जी मेरे,आ ही गए राम,,बादल थे घेरे,छा ही […]

राम राज्य – कविता अभिनव कुमार

राम राज्य,बजें ढोल नगाड़े,दुर्जन हैँ हारे,हैं राम सहारे । नस नस में राम,बसे हर कण राम,है चारों धाम,आठों पहर प्रणाम । भाई चारे की जीत,एक नई उम्मीद,रात गई है बीत,आई लहर है शीत । अयोध्या नगरी,दुल्हन है सजी,खुशी सच में हंसी,धूम घर घर मची । सदियों का संघर्ष,हो रहा है सार्थक,राम दे रहे दस्तक,झुका सबका […]

सुशांत का दुखांत

सुशांत का दुखांत हूं मैं निशब्द,बिल्कुल ही स्तब्ध,जब चला पता,सुन्न, स्थिर, हूं हिला । होए ना विश्वास,लगे अभी भी पास,सबका वो चहेता,सच्चा अभिनेता । लांघी हर मझधार,वो था दमदार,अपने दम पर,खड़ी की दीवार । था ज़मीं से जुड़ा,दिल बहुत बड़ा,था बेहतरीन,लायक रंगीन । बाहर था शांत,मौन चुप सुशांत,अंदर तूफ़ान,तन्हा सुनसान । यौवन का राजा,हीरा था […]

अन्याय पे लगाम लगाएं …

अन्याय पे लगाम लगाएं … जब मैं रोता हूँ,तब तू हंसता है,मैं आंखें भिगोता हूँ,तू साज़िश रचता है । जब मैं फँसता हूँ,तुझे मज़ा आता है,मैं अंदर धंसता हूँ,तू और सुनाता है । मेरी खुशियां मेरी नज़्म,तुझको ना हैं होती हज़्म,हरे और हो जाते ज़ख्म,तू बद्दुआ मुझको देता जब । बिना बात कसे जाते तंज,कमज़ोर […]

राखी – उम्मीदों की बैसाखी

राखी – उम्मीदों की बैसाखी … राखी,स्नेह प्रेम की झांकी,चाहे वैद्य या ख़ाकी,चेहरे पे रौनक मां की । भाई बहन का पर्व,इक दूजे पर गर्व,मनाये हिन्द है सर्व,पावन धरा व नभ । भाई लेता प्रण,रक्षा हर क्षण,बहन बसी हर कण,एक जैसे मन । भाई की वो हिम्मत,जैसे विशाल सा बरगद,अनुराग प्रेम बेहद,ना सीमा सरहद । […]

दोस्ती – तेरी मेरी गोष्ठी …

दोस्ती – तेरी मेरी गोष्ठी … दोस्ती,अक्सर है मुझसे पूछती,कानों में मेरे गूंजती,पहेलियाँ ये मुझसे बुझती । क्या मेरा होता खास दिवस ?साल में एक दिन सकूं क्या सज ?क्या मेरी औकात सिर्फ़ दो गज ?क्या मात्र औपचारिकता हूँ अब बस ? क्या नाम मात्र है मेरी पहचान ?कलयुग क्यूँ यूं हुआ अंजान ?मुझसे तो […]

ग़म-ए-शायरी

ग़म-ए-शायरी दिल-ए-दर्द को शब्दों मे बयां कर दूंगा‌ आंखों के आंसूओं को पन्नों पर लिख दूंगामै पाप,मद और अत्याचार का विरोधी हूं‌‌‌‌‌ समय आने पर तुम्हारे दिलों मे लिख दूंगा

ईद

ईद ईद,मधुर संगीत,भाई चारे का प्रतीक,सौहार्द की उम्मीद । संगम व्यास व सिंध,एकता की ईंट,अहिंसा की जीत,ना शक किंचित । दोस्ती निश्चित,एक दूजे का हित,तम जाए है बीत,सबकुछ ही विनीत । बड़ी पुरानी रीत,पूर्वजों की सीख,बदले रोज़ तारीख़,बन साथी, बन मीत । हर कोई रहे जीवित,किस बात की ज़िद ?क्या करने चले सिद्ध ?प्रेम प्यार […]

कविता-मौत की दस्तक

कविता-मौत की दस्तक मै जीवन की आशाओं में खोया थामै ज़ीवन की निराशाओं मे रोया थामै‌ उस मौत-ए-महबूबा को भूलकरमै कल फिर से उठने के लिए सोया था रात के घनघोर अंधेरे मे किसी ने मेरे,दिल-ए द्वार पर यकायक दस्तक दीमै एकाएक चौंका और इज़्तिराब सेआंखें खोलकर उठ खड़ा हुआ मैने पूछा-कौन है वहां,मैने पूछा-कौन […]

आज़ादी की क़ीमत

आज़ादी की क़ीमत अगस्त का मास,आती है याद,शूरवीरों की,तप की तस्वीरों की । जागता है जज़्बा,तैयार शहर क़स्बा,सनक कुछ करने की,देश पे मर मिटने की । उमड़ता है जुनून,नशा जोश धुन,देश लगे सर्वप्रथम,इसमें जैसे जाते रम । खाते हैं सौगंध,माटी की गंध,हिन्द की ख़ातिर,तन मन हाज़िर । याद आती शहादत,करे प्राण निछावर,देश पे कुर्बान हुए,वे […]

एक जीवन ऐसा भी……

एक जीवन ऐसा भी…… जीवन की तन्हाई को महसूस करसांसों को रोके जा‌ रहा‌ हूं मैं ।नुमाईसें तो बहुत‌ हैं मेरे अंदरफिर भी प्यार निभा रहा हूं मैं।। किस ने देखी दीपक की बातीकि वो अंधियारे को मिटा देती‌ है।फिर भी हे साखी !‌‌ ‌ ‌ ‌ ‌‌‌ ‌ उसी‌ को चमन बनाते जा रहा […]

रफ़ाल – बेमिसाल

रफ़ाल – बेमिसाल रफ़ाल,तूफानी चाल,दुश्मन बेहाल,जी का जंजाल । करे तेज़ प्रहार,माने नहीं हार,बेहद असरदार,सिर पे ये सवार । आधुनिक विज्ञान,ये लड़ाकू विमान,भारत की जान,थामी है कमान । ना निशाना चुके,गहरे मंसूबे,शत्रू पे टूटे,सबकुछ ये ढूंढे । है जैसे गोली,शूरवीर है टोली,पूरी दुनिया बोली,ना आंख मिचौली । हुई बोलती बंद,वैरी हुआ तंग,वजह इसकी गंध,ज़ुल्म होगा […]

मै मुस्कुराहट हूं

मै मुस्कुराहट हूं

तु जिन्दगी का अनजान राही है ,चलना तेरा काम
बाधाओं को चूमूंगी,मुस्कान मेरा नाम ।

मेरा सैनिक, मेरी जीत

मेरा सैनिक, मेरी जीत … आज कारगिल दिवस,हूँ मैं नतमस्तक,दुश्मन हो जब तक,मेरा वीर सजग । इसकी कुर्बानी,छोड़ी ज़िन्दगानी,कीमत जो जानी,सार्थक है कहानी । वो डटा रहा,ना कभी झुका,वो था भूखा,दुश्मन को भुना । ना पीछे हटा,जज़्बा ना घटा,बिल्कुल था सटा,माटी पे मिटा । थी चौड़ी छाती,वो शेर व हाथी,भारत की बाती,मेरी शान बड़ा दी […]

सत्य को सहारा दो

सत्य को सहारा दो दीपक हूँ मैं मुझे रोशन होने दोतुम्हे‌ न्याय दिलाने के‌ लिए मुझे लड़ने दोजली है समा मेरे भीतर परोपकार कीमुझे ईक ऩजर भरकर सत्य को देखने दोनहीं जानता कब और कैसे होगी जीत मेरीलेकिन तुम सच्चाई के लिए मेरा साथ तो‌ दोमै जानता हूं अस्काम बहुत है तुम लोगों मेंपर आगोश […]