छद्म रचनाएँ – सहज सभरवाल

यूँ मांगिये मत,देने की चाह रखिए।यूँ दीजिये मत,दान सहित, रईस दिल का इम्तिहान रखिये।हानि एवं मुनाफे दोनों से अनुभव प्रप्त कीजिए,ज़रूरत करने पर लागू कीजिए । Sahaj Sabharwal, Jammu

संकटमय आदमी,अदम्य साहस

छोड़ जाऊं तुमको ,पर उनको कैसे छोडूंजी लूं मै जीवन,पर तन्हाई को कहां छोडूं पल-पल तरसता हूं ,तुम्हारा प्यार पाने कोपर मा-बाप के प्यार को कैसे,क्यों‌ छोडूं सपना तो हर रोज देखता हूं खुशियों कापर दरिद्रता रूपी कठिनाई को कहां छोडूं‌ मेरे सुखी जीवन की तलाश बहुत लम्बी‌ हैपर तृष्णा रूपी मोहजाल को कहां छोडूं […]

शायर की कलम

शायर की कलम हकीकत निकलती है मेरी कलम सेसियासत के आगे भी ये झुक नहीं सकती !लाइसेंसी बंदूके छीन ली जाती है यहाँमगर ग़ैर लाइसेंसी कलमें रूक नहीं सकती !! ए-हुक्मरानों कैद करलो चाहे इस शायर कोमग़र हकीकत छिप नहीं सकती शायरी में !हर शब्द में सच और हर पन्ने में सच्चाई ,ढूंढ़ने पर भी […]

मैं उसके घर गया था

मैं उसके घर गया थाअपने किसी काम सेउसके शौहर से मिलावो भी वाकिफ़ था मेरे नाम सेपूछ बैठा कौन थी वोजिसका दिया दर्द लिखते होइतने में अंदर से आ गई वोऔर टाल दी बात कहकर‘मिर्ज़या’ चाय लोगे या कॉफी ?वाकिफ़ नहीं थी शायद किउसके जाने के बाद चाय से नहींमोहब्बत करली है मैने जाम से […]

बॉलीवुड एक गटर…

बॉलीवुड एक गटर… बॉलीवुड एक गटर,ऊपरी सतह गदर,अंदर सब गड़बड़,दलदल और कीचड़ । दोगला हर चेहरा,सच सुन हुआ बहरा,ज़मीर धंसा व मरा,पाप का भरा घड़ा । नशे से हुआ लगाव,उल्टा है बस बहाव,ऊँचे ऊँचे ख़्वाब,कितने ना जाने घाव ! दुल्हन के जैसा सजा,ओढ़े हुए गजरा,भीतर मगर खोखला,ख़ुदका ही घोंटा गाला । बाहर रौनक बहार,वास्तव चीख़ […]

ज़रा तुम इंसान को तो इंसान मान लो !!

बाजार में सब देखते रहे नजाराकिसी ने नहीं देखी बच्चे की तरसती नज़र !अरे इंसान नहीं पत्थर है इस शहर मेंकिसी के मरने से भी होता नहीं असर !! इंसान कुत्ता को महंगा खाना खिला रहाएक मासूम बच्चा तरस रहा रोटी को !खुद को भूखा रहने की परवाह नहीं हैवो तो खिलाना चाहता है बहन […]

गुरु से हर राह शुरू…

गुरु से हर राह शुरू… गुरु शिष्य,मनोरम दृश्य,उज्ज्वल भविष्य,अनुयायी कृतज्ञ । मिला गुरुमंत्र,हो जा स्वतंत्र,ना हो षड्यंत्र,सर्वोपरि गणतंत्र । दी गुरुदक्षिणा,ना नफ़रत घृणा,ना उपकार गिना,हर तरफ़ हिना । ऐसी दी सीख,कम है तारीफ़,ना भूख अधिक,संतोष समीप । गुणवत्ता डाली,पूरी भर दी प्याली,बस बोल ना ख़ाली,ना पुलाव ख़याली । ऐसे संस्कार,सात्विक आहार,जीवन साकार,केवल परोपकार । तप […]

मुक्कदर भी तेरा रफी़क होगा

मत सोच तेरे मुकद्दर मे क्या लिखा है ।जो नही लिखा है उसे लिखना सीख ।।‌क्या सोचती है‌ दूनिया तेरे लिए इसे छोड़।तु बस अपनी मंजिल‌‌ को पाना सीख ।।कौनसा रास्ता जाता है उस मंजिल तक ।‌‌‌‌ तु बस उस सही रास्ते को खोजना सीख ।।सीख लिया तुमने दृढ निश्चय,तप करना ।फिर नही पड़ेगा तुम्हे […]

सपने महज़ सपने ही रह गए

सपने महज़ सपने ही रह गए एक सपना आया गाँव से,खड़ा होने अपने पाँव पे,भरे जोश और चाव से,ज़मीं से जुड़ा बिन भाव के । अकेला आया वो मायानगरी,संग महनत की लाया गठरी,अजब ऊर्जा बड़ी तेज़ गति,हौंसले मज़बूत, निश्चित प्रगति । उसे विश्वास, होगा वो सफ़ल,ऐसा जुनून, हर चीज़ का हल,छोड़ स्नातक, वो दिया था […]

इतनी सी बात

इतनी सी बात इतनी सी बात समझ नहीं आईजिंदगी बीत गई भाई। क्या रखा है ऊंच—नीच की लड़ाई मेंजिंदगी बीत जाएगी बस सुनवाई में। अभी भी समय है समझो इतनी सी बातमत काटो गला मानवता की लड़ाई में। आज इसके, कल उसके, परसो तुम्हारे साथहो सकती यही बात, समझो इतनी सी बात।।

बात है जब तक

बात है जब तक काम है जब तकमुलाकात है तब तक। गीत है जब तकसंगीत है तब तक। इंसान है जब तकईमानदारी है तब तक। प्यार है जब तकप्रेमी है तब तक। सांस है जब तकजिंदा हैं तब तक

वह आई

वह आई वह हौले हौले आईधीरे धीरे समाईहृदयस्थल में मेरेसमाता है जैसे रस। पकते फलों मेंखिलते फूलों मेंखजूर की बलियों मेंतुम्हारा अबोध चेहरा। जैसे गोद में सोया बच्चाजैसे दूध पीता बछड़ातुम्हारी मधुर आवाज़जैसे गुड़ की मिठास। तुम्हारी निष्कपट हँसीजैसे कलकल बहती नदीपहाड़ से गिरता झरनाहँसी से काँपते होंठतुम्हारी छुअनजैसे गुज़री हुई नागिन।

उसका आख़िर था क्या कसूर ?

उसका आख़िर था क्या कसूर ? बड़ी अजब कहानी है,पग पग पे बेईमानी है,रिया है, पिठानी है,माहिर है, सयानी है । नीरज है, केशव है,नौटंकी में पूरा दम है,दीपेश भी कहाँ कम है !अच्छा खासा अनुभव है । शोविक रजत भी हैं किरदार,गांजा चरस चले खुलेआम,आँचल किया दागी बदनाम,कैसी परवरिश इंद्रजीत जनाब ! साल से […]

अंतर ज़मीन आसमान का

अंतर ज़मीन आसमान का एक सोया रहा दो महीने,दूजे ने कसी कमर दो दिन में । एक ने किया बस वक़्त बर्बाद,दूजे ने एक किए दिन और रात । एक ने बहुत फ़ैलाया रायता,दूजा अपनाए कानून कायदा । पहले ने काटी बस घाँस,दूजा सख़्त कड़ी पूछताछ । एक बना रहा धृतराष्ट्र,दूजे के लिए – सिर्फ़ […]

गणपति बप्पा मौर्या

गणपति बप्पा मौर्या एकदंत गणपति,सीखों की समृद्धि,अपनालो तो सिद्धि,बल व यश में वृद्धि । सब देवों में प्रथम,दिल में रहते हरदम,मुरीद हर कोई जन,आराध्य पूज्य गजानंद । ना धर्म जाति ना मज़हब,ना कोई सीमा या सरहद,इन सबसे परे व अलग,ना भेदभाव ना फ़र्क। उनके जैसा पुत्र,मांगे हर एक युग,सेवा की ही भूख,मात पिता सबकुछ । […]

सुशांत की आत्मकथा

सुशांत की आत्मकथा किसपर करूं विश्वास ?किसपे रखूं आस ? दोस्त ने दगा दिया,दिलरुबा ने ख़ून पिया । दोनों के थे कितने भेस !थाली में ही कर दिए छेद । ऐश की, रहे साथ साथ,और करा विश्वासघात । देख रहा मैं ऊपर से,सारे सबूत हैं मिटा दिए । जो थी हत्या गहरी साज़िश,आधे घंटे में […]

आज़ादी की आपबीती

आज़ादी की आपबीती ‘आज़ादी’ अब ७३ की हो गई,अपनों की राह तकते हुए थककर सो गई,माना थोड़ी सी बेचारी बूढ़ी हो गई,अभी तो मिली थी, कहीं फ़िर तो नहीं खो गई ! 4 अपनी किस्मत को कोस रही थी,मन को अपने मसोस रही थी,ख़ुद को ख़ुद में खोज रही थी,दिल पे रक्खे बोझ हुई थी […]

देश-भक्ति, राष्ट्रवाद, भारत पर शायरी सुविचार

देश-भक्ति, राष्ट्रवाद, भारत पर शायरी सुविचार अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही ! सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही!! अज्ञात- – MeriRai.com द्वारा राष्ट्रप्रेम की भावना से प्रकाशित किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी […]

अभिनव कुमार – छद्म रचनाएँ

बजाए कि चीखें या झपटें, बेहतर हो सब सुनें व समझें । इंसान हैं, इंसानियत निभाएं, प्यार का सबको पाठ पढ़ाएं । अभिनव कुमार – Aug 2020 इन खुशियों के पीछे गहरी उदासी है, ऐसे ही नहीं दास्ताँ लिखी जाती है । अभिनव कुमार – Aug 2020 मैं जिसको गलत समझता रहा, उसने ना जाने […]

अजय कीर्ति छद्म रचनाएँ

तड़फ उठती है‌ सांसे,रूक जाती है धड़कन ।जब इश्क‌‌ के हर अल्फ़ाज़,हमको याद आते है ।।एक रोज देखा था ,तुमको किसी ओर के साथ ।अब लोग उसी अल्फाजों से ,हमें जलाते‌ है ।। अजय महिया – इश्क का राही जब जन्म‌‌ हुआ तब भी सम था, जब मृत्यू होगी तब भी सम होगा जन्म-मरण रूपी […]