।। मैं तेरा कभी होना सकूंगा ।।।।
तू मेरी कभी होना सकेगी ।।
तुम्हारी मुस्कुराहट है कोई और ,
हमारी चाहत है कोई और ,
तुम्हारे वक्त का साथी है कोई और ,
हमारे जीवन की काठी है कोई और ,
मैं तेरा कभी होना सकूंगा ,
तू मेरी कभी होना सकेगी।।
मेरी जिंदगी की पहली मुलाकात हो तुम ,
मेरी दीवानगी की पहली रंगीन रात हो तुम ,
मेरे सावन की पहली बरसात हो तुम ,
मेरे बचपन की पहली मोहब्बत हो तुम ,
फिर भी , हा फिर भी ,
मैं तेरा कभी होना सकूंगा ,
तू मेरी कभी होना सकेगी।।
तुम ही तो मेरी मुस्कान हो ,
हां तुम ही तो मेरी अभिमान हो ,
मान ले मेरी बात कर लो मुझ पर यकीन
तुम ही तो मेरी जान हो ।
फिर भी हां फिर भी ,
मैं तेरा कभी होना सकूंगा ,
तू मेरी कभी होना सकेगी।।
शायद हां शायद तेरा मेरा मिलना अब नसीब नहीं ,
ना कहना कभी तू मेरे अब करीब नहीं ,
जमाने को बताना है कि मैं अब गरीब नहीं ,
मिल जाओ तुम हमें फिर वो हम खुद नसीब नहीं ।।
तेरे बिना अब मैं भी रह नहीं पाउंगा ,
तब मैं भी यह कह नहीं पाउंगा ,
मैं तेरा कभी होना सकूंगा ,
तू मेरी कभी होना सकेगी ।।