बिना प्यार के कैसा वैवाहिक जीवन

बिना प्यार के कैसा वैवाहिक जीवन।

माना जाता है कि पति पत्नी का रिश्ता स्वयं भगवान के द्वारा बनाया जाता है। यह वह बंधन होता है जिसमें धोखा, अविश्वास या शक की कोई गुंजाइश नहीं होती हर रिश्ते से बढ़कर होता है पति पत्नी का रिश्ता, जिसमें एक दूसरे का सम्मान करना सबसे अहम होता है क्योंकि सम्मान का ही दूसरा नाम होता है प्यार। जिस पति पत्नी के रिश्ते में सम्मान नहीं होता वहां प्यार भी नहीं होता।

पति पत्नी का रिश्ता वह होता है जहां एक दूसरे की इच्छाओं और भावनाओं को बिना कहे ही समझ लिया जाता है एक साथी को परेशानी होने पर दूसरा साथी खुद ही परेशान हो जाता है, हर सुख दुख में साथ निभाने का वादा सिर्फ वादा नहीं होता पति पत्नी के जीवन का हिस्सा होता है। इस रिश्ते में पति पत्नी का रिश्ता बाद में एक दोस्ती का रिश्ता सबसे पहले होना जरुरी होता है क्योंकि एक दोस्त बनकर ही आप दूसरे शाथी की भावनाओं को अच्छी तरह से समझ सकते हैं इसके अतिरिक्त पति पत्नी के रिश्ते में सबसे जरूरी होता है विश्वास”, “विश्वास इतना अटूट कि वह दूसरे शाथी के भी विश्वास को मजबूत कर दें, एक दूसरे के बारे में किसी के द्वारा कुछ कह देने भर से यह विश्वास डगमगा गाना नहीं चाहिए।

थोड़ी बहुत नोकझोंक हर पति पत्नी के रिश्ते में होती है लेकिन इस नोक-झोंक को तनाव या लड़ाई का हिस्सा ना बनने दें। एक लड़की जो शादी करके अपने पति के साथ जाती है वो अपना घर, नाम, रिश्ते सब छोड़कर दूसरे परिवार को अपना बना लेती है, जबकि अपने माता पिता और भाई बहन को छोड़कर पति के माता पिता और भाई बहन को अपना बनाना इतना आसान नहीं होता जो लड़की अपने माता पिता और भाई बहन के साथ 25- 30साल बिताती है एक पल में पति के परिवार को अपना नहीं बना सकती इसीलिए इस बात का ख्याल पति और उसके परिवार को रखना चाहिए और उसे थोड़ा समय देना चाहिए। इसके अतिरिक्त एक लड़की जो कि शादी के बाद किसी की बहू या पत्नी बन जाती है उसे अपनी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन करना चाहिए।

पति पत्नी दो परिवारों की धुरी होते हैं और दोनों का ही कर्तव्य होता है दोनों परिवारों के बीच तालमेल व प्यार बनाए रखना।। पति पत्नी के रिश्ते में तनाव वहां पैदा होता है जहां एक दूसरे का सम्मान नहीं होता जिस रिश्ते में सम्मान नहीं होगा वहां प्यार भी नहीं होगा और बिना प्यार के कैसा वैवाहिक जीवन”। पति पत्नी के रिश्ते में घमंड या गुस्से की कोई जगह नहीं होनी चाहिए दो साथियों के बीच कैसा घमंड, गलतियां हर इंसान से होती है लेकिन गलती होने का मतलब यह नहीं है कि एक साथी दूसरे साथी की बेइज्जती करें या बार बार उसे गलती का एहसास कराए, एक छोटी सी बात पर गुस्सा या घमंड कर के रिश्ते टूटने की कगार पर खड़े हो जाते हैं इसीलिए किसी भी बात पर गुस्सा करने की बजाए उसे बैठकर सही तरह से सुलझाएं और अगर किसी बात पर गुस्सा आ भी गया है तो शब्दों की मर्यादा को बनाए रखें, जिससे दूसरे साथी का दिल दुखी ना हो, गुस्से में कुछ ऐसी बातें ना बोल दे कि दूसरे साथी के दिल से आपके लिए सम्मान ही खत्म हो जाए और पति पत्नी का रिश्ता केवल औपचारिकता बनकर रह जाए जहां रिश्ते निभाना एक दूसरे की मजबूरी बन जाए।

पति पत्नी के रिश्ते में हमेशा एक नया पन होना चाहिए उसके लिए एक दूसरे को समय देना बहुत जरुरी है एक दूसरे की बातों को अनसुना ना करें उन्हें समझने की कोशिश करें। रिश्ते में नयापन बनाए रखने के लिए परिवार से अलग कुछ समय अकेले बिताएं अपने साथी को अपनी दुनिया में आने के लिए धन्यवाद कहें। पति पत्नी का रिश्ता बराबरी का होता है किसी को भी छोटा या नीचा महसूस कराने की गलती ना करें पति का कर्तव्य है कि वह अपनी पत्नी को बराबर का दर्जा दे जिस घर में औरतों को बराबरी का दर्जा नहीं मिलता वह घर कभी आगे नहीं बढ़ता और जहां औरतें पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है वह घर बहुत जल्दी उन्नति करता है।

अपने साथी के हर दुख को अपना दुख और हर सुख को अपना सुख बना लें इस रिश्ते में दिखावे की कोई गुंजाइश ना रखें जरुरी नहीं कि आप अपने साथी को खुश करने के लिए कुछ बड़ा करें छोटी छोटी चीजें भी ढ़ेर सारी खुशियां दे जाती है। एक दूसरे के काम में कमियां न निकालें, इस बात का ख्याल रखें कि इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति संपूर्ण नहीं है गलतियां इंसानो से ही होती है गलतियां ना करने पर तो इंसान भी भगवान बन जाएगा।। पति पत्नी का रिश्ता इतना खुला हुआ होना चाहिए कि एक दूसरे को कोई बात कहने से पहले सोचना ना पड़े एक साथी को यह डर नहीं सताना चाहिए कि पता नहीं वह मेरी बात समझेगा कि नहीं एक दूसरे से कोई भी बात कहने से पहले मन में किसी भी तरह की कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।

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