मां तेरी याद आई
मां तुम खुशी का सागर,
प्रेम की मूरत हो।
दया प्रेम निस्वार्थ भावना,
तेरे आंचल में समाया ।
सिर पर सदा बना रहे,
तेरे प्रेम का हाथ।
तेरी आवाज सुन ,
मन में प्रसन्नता होते हैं।
तेरे मेरे मन के तार ऐसे जुड़े,
कि मैं याद करूं तो तुम हाजिर होती हो।
कैसे सुनती हो मेरे मन की बात,
स्वप्न में भी देखो तो होती हो परेशान।
तुम अपना प्रेम बनाए रखना,
सदा तेरी याद आती रहे।