काश तू मेरी होती – (कविता) – शशिधर तिवारी ‘ राजकुमार ‘

।।। काश तू मेरी होती ।।।
तेरे ख्वाब मेरे होते, 

और मेरे ख्वाब में तू होती ।

तेरे चेहरे की चमक मेरी होती , 

तेरी पायल की छन-छन मेरी होती ।

तेरे सपनो का मैं राजा होता ।

और तू मेरे सपनो की रानी होती ।।

काश तू मेरी होती ।।

तू मेरे इतनी पास है ,

फिर भी क्यों लगता है दूर ।

नजाने कैसी है बेसब्री ,

तू भी क्यों हैं मजबूर ।

कैसे तेरे सपने मेरे होते,

जैसे मेरे सपने तेरे ।

मैं तेरा आशिक होता ।

और तू मेरी आशिकी होती ।।

काश तू मेरी होती ।।


मेरे किस्मत में तू लिखी होती ,

न ए जिंदगी में अकेलापन होता ।

पास तेरे होके भी तेरे बिना ,

दिल ए मेरा अब न रोता ।

यूँ तू जब गुजरती है मेरे सामने से ,

जैसे मेरे किस्मत से दूर ।

काश तेरी किस्मत मेरी होती ।

और तू मेरी किस्मत में होती काश तू मेरी होती ।।


तेरी शादी मे मैं होता ,

और मेरे शादी में तू होती।तेरा दूल्हा मैं होता ,

तू मेरी दुल्हन होती ।

तेरे बच्चों के नाम मे मेरा नाम आता ,

और मैं उनका पापा कहलाता ।

काश तू मेरी होती ।

और मैं तेरा होता ।।

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