फ़र्क देखिए (1) बनाम (2) में ज़मीन आसमान का :-
(1)
“चलो आज मुस्कुराते हैं” – तालिबानी गुनगुनाते हैं,
दहशत बड़ी फैलाते हैं, निर्दोष मारे जाते हैं,
औरतों पे ज़ुल्म ढाते हैं, आबरू भी ढहाते हैं,
वे कल को भूल जाते हैं, बस पाप ही कमाते हैं ।
(2)
चलो आज मुस्कुराते हैं, किसी रोते को हंसाते हैं,
मस्ज़िद नहीं हैं जाते हम, पर धर्म तो निभाते हैं,
चलो आज मुस्कुराते हैं, राह भटके को दिखाते हैं,
अपने लिए तो जीते सब, हम औरों को बसाते हैं ।