दिल पहली बार था धड़का
मैं देख के उसको भड़का
देखा था उसको शादी में
वो लगे नहाई चांदी में
पहले प्यार का था पहला नशा
देख के मुझको वो था हॅंसा
वो काली साड़ी में इतराए
मेरा ब्लड प्रेशर बस बढ़ता जाए
दो नैना थे मतवाले
और पैरों में झंकारें
सब उसके हुए दीवाने
मैं भी था वहीं किनारे
वो हरदम ही मुस्काए
मेरे मन को भायी जाए
मैं दिल को था समझाए
पर दिल ये मचला हाए
मैंने सोचा उस से बोलूं
ये प्यार भरा दिल खोलूं
फिर सोचा मैं क्या बोलूं
कैसे मैं दिल को खोलूं
तब तक वो चल के आयी
और मुझसे थी टकराई
वो हाथों में थी मेरे
और हल्के से मुसकाई
मुझको कुछ समझ ना आया
मंदम उजियारा छाया
जब आंख खुली तो पाया
मुझको था सपना आया।