कोरोना – सीख
कोरोना दे रही ढेरों सीख,
नए पाठ हर तारीख ।
रहें हमेशा हम सब स्वच्छ,
रोगों से फ़िर जाएंगे बच ।
ना घबराएं, करें सजग,
हड़बड़ाहट से रास्ता भटक ।
चकाचौंध छोड़ बनें सहज,
षड्यंत्र का हो तहस नहस ।
हाथ से बेशक ना मिलें हाथ,
हाथ जोड़ नमस्ते से संवाद ।
दिल से जाएं मिल सब दिल,
ईर्ष्या सहायता में हो तब्दील ।
आपस में करें सब सहयोग,
ना शिकवा गिला, बस विनोद ।
कुछ के लिए ना हो पक्षपात,
सब ईश से बने, सबकी एक जात ।
सारे करें मिल जुलकर काम,
ज़िम्मेदारी सबपर, सबको ईनाम ।
मालिक बन जाए मार्गदर्शक,
विश्वास भरपूर, छल पर ही शक ।
मूकदर्शक हो जाएं औझल,
नीयत जैसे साफ़ जल ।
बहुत हो गया अकेलापन,
अब लाना है अपनापन ।
मलिन राजनीति हो जाए लुप्त,
पारदर्शिता अब ना रहे गुप्त ।
स्वरचित – अभिनव ✍🏻