छद्म रचनाएँ – सहज सभरवाल

यूँ मांगिये मत,
देने की चाह रखिए।
यूँ दीजिये मत,
दान सहित, रईस दिल का इम्तिहान रखिये।
हानि एवं मुनाफे दोनों से अनुभव प्रप्त कीजिए,
ज़रूरत करने पर लागू कीजिए ।

Sahaj Sabharwal, Jammu