बजट २०१७ उम्मीदों पर कितना खरा उतरा ?
आज के राजनितिक परिवेश में सरकार का कोई भी निर्णय उम्मीदों के मापदंड पर केवल एक ही तरह से तौला जाता है कि आप किस दल के समर्थक हैं , यदि आप सत्ताधारी दल के समर्थक हैं तो बजट आपको बहुत बेहतर और ऐतिहासिक लगेगा और यदि आप विपक्षी दल से हैं तो आप भी यही कहेंगे कि इस बजट में कुछ नहीं है |
यदि मैं अपना पक्ष रखूँ तो शायद बजट आने पर बहुत सारी अच्छी और बड़ी घोषणाओ के बाद भी मुझे थोड़ी निराशा हाथ लगी , इसका कारण यह भी हो सकता है कि माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की इस सरकार ने जनता के बीच बहुत ज़्यादा उम्मीदें बैठा दी हैं, और शायद उन्ही उम्मीदों के कारण मुझे भी इस बजट से उतनी प्रसन्नता नहीं हुयी | वैसे जो प्रयास सरकार ने किये हैं उनका कुछ विवरण मैं आपके समक्ष रख देता हूँ |
नोट बंदी के बाद जितनी अपेक्षा ईमानदार करदाता ने सरकार से की थी वो पूरी नहीं हुई हांलाकि आयकर में सरकार ने सीमाओ को पुनर्निर्धारित करके निम्न मध्यम वर्ग को काफी खुश किया है |
वैसे अधिक से अधिक लोगो को टैक्स के दायरे में लाने के इरादे से वित्त मंत्री ने टैक्स की न्यूनतम दर को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है. लेकिन साथ ही आयकर की धारा 87 ए के तहत मिलने वाली छूट को मौजूदा 5,000 से घटाकर 2,500 कर दिया और साथ ही जहाँ अभी तक यह लाभ 5 लाख तक की आय वाले करदाताओं को मिलता था अब यह केवल 3.50 लाख तक की आय वाले करदाताओं को ही मिल पायेगा. आयकर की दरे कम करने से होने वाले घाटे की भरपायी के लिए 50 लाख से अधिक आय वाले लोगो के लिए 10 प्रतिशत सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव भी रखा गया है | याद रहे कि 1 करोड़ से अधिक आय वाले कर दाताओं को पहले से ही 15 प्रतिशत का सरचार्ज देना होता है|
सरकार ने इस ऐतिहासिक बजट में कुछ बड़े ही ऐतिहासिक कदम भी उठाये हैं , जिसमे नकद लेन – देन को काबू करने की ईमानदार कोशिश नज़र आती है , अब आप किसी से भी ३ लाख से ज़्यादा का नकद लेन देन नहीं कर सकते यदि किया तो आपको उस राशि के बराबर जुर्माना भी भरना पड़ सकता है |
कुछ चुनिन्दा चैरिटेबल संस्थाए व ट्रस्ट इत्यादि में दान देने पर आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत छूट का प्रावधान है| नकद लेनदेन व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के इरादे से अब 2 हजार से अधिक का दान नकद में देंने पर उस पर आयकर में छूट नहीं मिलेगी|
राजनितिक दलो को भी २००० से ज़्यादा का दान डिजिटल पेमेंट के माध्यम से लेना होगा |
कृषि से जुड़े लोगो के लिए इस बजट में काफी कुछ है| ग्रामीण, कृषि , डेयरी आदि के लिए करीब १८७२२३ करोड़ की राशि निर्धारित की गयी है |
रियल एस्टेट
प्रचलित नियमों के अनुसार इम्मूवेबल प्रॉपर्टी में तीन साल से कम के निवेश को शार्ट टर्म और उससे अधिक के निवेश को लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट माना जाता है| लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स का लाभ मिलता है और जो कैपिटल गेन निकल कर आता है उस पर केवल 20 प्रतिशत की दर से टैक्स चुकाना होता है और साथ ही इस टैक्स को बचाने के भी प्रावधान है जबकि शार्ट टर्म कैपिटल गेन पर 30% तक का टैक्स चुकाना होता है| इस बजट में इस अवधि को 3 साल से घटाकर 2 साल करने का प्रस्ताव रखा गया है, इससे रियल एस्टेट में निवेश करने वाले करदाताओं को फायदा होगा|
बजट में सेवाकर को ना बढाकर सरकार ने आम जनता को रहत की सांस लेने का एक मौक़ा दिया है |
१.३१ लाख करोड़ रेल विभाग को विकास कार्यों के लिए दिया गया है | पहली बार रेल बजट आम बजट के साथ पेश किया गया है और सरकार स्पस्ट करना चाहती है कि वो देश की महत्वपूर्ण जीवनरेखा रेल पर पूरा ध्यान दे रही है और करीब ३१००० किलोमीटर के नए मार्ग बिछाने का लक्ष्य इस वित्तवर्ष में रखा गया है |
स्वरोजगार को बढ़ावा देने का पूरा प्रयास करती दिखाई दी है सरकार |
मनरेगा को ४८००० करोड़ देकर करीब १० लाख तालाब बनवाने का लक्ष्य रखा है |
देश में शिक्षा की नीतियों में भी बदलाव कर उसको और मजबूत किया जा रहा है |
कुल मिला कर देखा जाए तो २०१७ का बजट सामान्य से थोड़ा ऊपर है लेकिन सरकार शायद जनता के बीच खुद के द्वारा खुद तय किये गए मापदंडो को पूरी तरह पूर्ण नहीं कर पा रही है |