दुनिया का सबसे अमीर आदमी झोपङी मे रहता हैं,महल में तो गरीब रहते हैं
अज़य महिया
मैं समझने लगा हूँ,मैं समझाने लगा हूँ
अज़य महिया
रूस्वा ज़िन्दगी को फिर मनाने चला हूँ
मस्ती का खुमार चढे तो ऐसा,कि फिर कभी न ढले
जब गिरे हौसला तो ऐसा चढे,कि फिर कभी न गिरेतुम्हे बताऊं,क्या हाल है अपना
अज़य महिया
ऐसा लगता है जैसे, बेहाल है अपना
कैसे तुम्हे बताऊं,क्या हाल है अपना
अज़य महिया
ऐसा लगता है जैसे, बेहाल है अपना
ना जात से,ना पात से,ना नशा और नोट से
अज़य महिया
हम वोट करेंगे सिर्फ राष्ट्र हित की सोच से
लबों पर हँसी और आँखों में कातिलानापन रखती हो तुम कहती हो मैं भोली हूँ,मुझे तो शातिर बङी लगती हो ||
अज़य महिया
मौसम ने अंगङाई ली है,घटा विरह-सी बन आई है
अज़य महिया
क्या ख़ता हुई थी हमसे,जो तुमने मुझे ज़ूदाई दी है
जब तेरी याद आती है,मुझे पथहीन कर जाती है
अज़य महिया
कभी दीया जलती है कभी दीया बूझा जाती है
गुनाहों की देवी घोङों पर सवार होकर आती है
जब तेरी याद आती है,मेरे होश खो कर जाती है
नशा आँखों में हो,तो कौन होगा?जो नहीं लङखङाएगा |
अज़य महिया
हंसी लबों पर हो,तो कौन होगा ? जो मधूशाला जाएगा |
कैसे भी हो जीवन में विश्वास अटल रहना चाहिए
अज़य महिया
जैसे भी रहें जीवन में रिश्ते हमेशा बने रहने चाहिए
जब तू आएगी फिर से मेरे दिल-ए-द्वार पर,कसम से दरवाज़े बंद मिलेंगे
अज़य महिया
खुबसूरती किसी अमीरी की मोहताज़ नही होती है,
अज़य महिया
गरीबी मे भी खूबसूरती के चराग जलते देखे है |
मुझे तेरी जुल्फों में रहने की आदत हो गई है
अज़य महिया
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है
दोस्ती का इम्तिहान अभी बाकी है
अज़य महिया
ये दिल-ए-जज़्बात अभी बाकी है
मिल जाए कोई साथ रहने वाला
पथिक का मकान अभी खाली है
हुस्न की हवस मिटाने को,मन की प्यास बुझाने को |
अज़य महिया
ये नये ज़माने का प्यार है,नहीं कोई दिल लगाने को
कोई तकलीफ़ देकर मरता है,कोई तकलीफ़ लेकर मरता है
अज़य महिया
क्यों न तकलीफ़ों से सीखें,कि तकलीफ़ देती है कुछ लेकर
कहीं नहीं,कभी नहीं,बस तेरे सिवा कोई चेहरा देखूं
अज़य महिया
दिल-ए-अरमान बस एक है मरते वक्त तुझे देखूं
जीवन बोझ लगने पर नकारा बन जाता है
अज़य महिया
दोस्त बेवफा होने पर नासूर बन जाता है