जाने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का बेहतर तरीका
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाए गए डिजिटल इंडिया मिशन का उद्देश्य डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना था। प्रत्येक स्थान पर कैंंश ले कर जाना सम्भव नहीं हो पाता इससे जान और माल दोनों को ही खतरा हो सकता है। जीवन में व्यस्तता के कारण किसी के पास इतना समय नहीं होता कि बैंक में लंबी कतार में लगकर ट्रांजैक्शन करें, ऐसे में लोगों को कैश के रखरखाव से मुक्ति दिलाने के लिए बैंकों द्वारा डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी गई। NEFT, RTGS, UPI और ई वॉलेट जैसे डिजिटल पेमेंट के ऑप्शन ने लोगों की परेशानी को काफी हद तक खत्म कर दिया। डिजिटल पेमेंट्स नोटबंदी के दौरान भी एक अच्छे विकल्प के रुप में सामने आया, परंतु अब बात आती है बेहतर ऑप्शन की। आप किस तरह सुनिश्चित करेंगे कि डिजिटल पेमेंट का कौन सा तरीका आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
आज हम इस लेख के द्वारा डिजिटल पेमेंट के माध्यम पर चर्चा करेंगे, जिससे आप एक बेहतर विकल्प का चुनाव कर सकें।
NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर)- यह किसी भी बैंक के माध्यम से किसी दूसरे बैंक में खाताधारक को पैसे भेजने का काम करता है। ट्रांजेक्शन की यह सुविधा 2005 से प्रारंभ की गई थी। कम पैसे ट्रांसफर करने का यह बेहतर तरीका है।एनईएफटी में फंड ट्रांसफर बैंक की वेबसाइट या ऐप के द्वारा किया जाता है।
RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट)- आरटीजीएस में 2 लाख रुपए से अधिक रूपए का ट्रांजेक्शन किया जाता है, यह अधिक रुपयों का ट्रांजेक्शन करने का सबसे अच्छा विकल्प है। आरटीजीएस में भी फंड ट्रांसफर बैंक की वेबसाइट या ऐप द्वारा किया जाता है।
UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस)- यह मोबाइल के माध्यम से किसी भी बैंक खाते से किसी अन्य बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने का सबसे अच्छा माध्यम है। फंड ट्रांसफर करने के अतिरिक्त ऑनलाइन शॉपिंग, मार्केट शॉपिंग, मूवी टिकट, टैक्सी भाड़ा, मोबाइल रिचार्ज, DTH रिचार्ज आदि का भुगतान यूपीआई के द्वारा किया जा सकता है। यूपीआई भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा विकसित किया गया है। यूपीआई में ट्रांजैक्शन केवल ऐप द्वारा किया जाता है।
NEFT, RTGS और UPI के द्वारा ट्रांजेक्शन करने की समय सीमा और फीस
NEFT में पैसा एक समय के बाद ट्रांसफर होता है और एनईएफटी करने के लिए अलग-अलग बैंकों का सर्विस चार्ज अलग-अलग होता है।
RTGS में पैसा रियल टाइम यानी वास्तविक समय पर ट्रांसफर हो जाता है। RTGS करने पर भी अलग-अलग बैंकों द्वारा अलग अलग सर्विस चार्ज लिया जाता है।
UPI में भी पैसा तुरंत ट्रांसफर होता है और यूपीआई करने का सबसे अच्छा लाभ यह है कि इसमें कोई सर्विस चार्ज नहीं लगता।
NEFT, RTGS या UPI करने पर मांगी जाने वाली डिटेल
NEFT करते समय जिस व्यक्ति के खाते में फंड ट्रांसफर करना है उसका नाम, अकाउंट नंबर और IFSC कोड की आवश्यकता होती है। एनईएफटी के द्वारा इंटरनेशनल लेवल पर भी ट्रांजैक्शन किया जा सकता है।
RTGS करने के लिए भी जिसके खाते में भुगतान करना है उसके नाम, अकाउंट नंबर और IFSC कोड की आवश्यकता होती है। आरटीजीएस भी इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन की सुविधा प्रदान करता है।
UPI ट्रांजैक्शन करने के लिए हर खाता धारक को ईमेल आईडी जैसा ही VPA (वर्चुअल पेमेंट एड्रेस) की आवश्यकता होती है, जिसमें किसी अकाउंट नंबर की आवश्यकता नहीं पड़ती। परंतु यूपीआई से इंटरनेशनल ट्रांसेक्शन नहीं किए जा सकते।
डिजिटल भुगतान के तीनों माध्यमों को पढ़ने के बाद आप आसानी से भुगतान करने का एक बेहतर विकल्प चुन सकते हैं।