कभी साथ बैठो तो पता चले की क्या हालात है मेरे
मनोज कुमार, नोहर (हनुमानगढ़)
अब तुम दूर से पूछोगे तो सब बढ़िया हालात है मेरे
मुझे घमंड था की चाहने वाले दुनिया में बहुत है मेरे
जब बात का पता चला तो उतर
गये नखरें तेवर सब मेरे।।
होठों पर मुस्कान,दिल मे लेकर अनुमान ।
मनोज कुमार, नोहर (हनुमानगढ़)
मंजिल मिलेगी रे,चलोगे यार तुम ठान ।।
हौसलें की सदैव,होती है जीत सुनिए।
जिसने चाहा मिला,उसको है मीत सुनिए।।