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बच्चों को समझाएं आजादी का सही अर्थ

बच्चों को समझाएं आजादी का सही अर्थ

15 अगस्त 2017 को पूरा देश 71 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। देश को आजादी दिलाने व देश की
जनता को स्वतंत्रता के साथ जीने का अधिकार उन जांबाज सिपाहियों तथा स्वतंत्रता सेनानियों ने दिया
जिन्होंने 1857 से 1947 तक देश को आजाद करने में अपनी जान न्योछावर कर दी। हमारे स्वतंत्रता
सेनानी जिस स्वतंत्रता को हमें विरासत में सौंप कर गए हैं उसे सहेज कर रखना हमारा कर्तव्य और धर्म है।
और यही बात हमें अपने बच्चों को सिखानी चाहिए यदि आप अपने बच्चों को एक जिम्मेदार नागरिक
बनाना चाहते हैं या अपने देश की मिट्टी से जोड़े रखना चाहते हैं तो उन्हें शुरू से ही हमारे हित के लिए बने
नियम कानूनों का पालन करने की शिक्षा दें।

साफ-सफाई की शिक्षा

बच्चों की पहली पाठशाला उसका घर होता है और पहली अध्यापक होती है मां। क्योंकि बच्चा मां के
सबसे करीब होता है इसीलिए बच्चे की शिक्षा घर से प्रारंभ होती है। आप का कर्तव्य है कि बच्चों को घर में
साफ सफाई से रहने की शिक्षा दें तथा उन्हें हर जगह गंदगी न फैलाने के लिए जागरूक करें। घर में
अलग-अलग प्रकार के कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन रखें और बच्चों को यह समझायें कि अलग-
अलग प्रकार के कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबिन में ही कूड़ा डालें।

घर के अलावा अपने मोहल्ले अपनी सोसायटी और शहर को साफ़-सुथरा रखना भी हम सब की
जिम्मेदारी है। इसीलिए कहीं भी गंदगी न करें। एक बात याद रखें कि शुरुआत कोई एक इंसान करता है,
तो वह आप भी हो सकते हैं। जब आप नियम-कानूनों का पालन करेंगे तो आपके बच्चे और दूसरे लोग
भी आप से प्रेरित होकर वह सब करेंगे। बाजार में बच्चों की कोई खाने की वस्तु दिलाने पर कूड़ा निर्धारित
स्थान पर फेंकने को कहें, उसे इधर उधर ना फेकें।

पेड़ पौधों का रखें ख्याल

पार्क में बहुत से पेड़ पौधे लगे होते हैं जहां आप सुबह शाम बच्चों के साथ टहलने जाते होंगे। बच्चों को इस
बात की शिक्षा दें कि वह पेड़ पौधों तथा फूलों को हानि ना पहुंचाएं। पेड़ पौधे वातावरण को शुद्ध वायु
प्रदान करते हैं इसीलिए बच्चों को हमेशा सहेज कर रखने की शिक्षा दें।

वाहन चलाने की दें शिक्षा

नाबालिग बच्चों को बाहन न चलाने देंं। अगर आपका बेटा या बेटी बालिंग है और दुपहिया या चारपहिया
वाहन का इस्तमाल करता है तो उसे हेलमेट/ सीटबेल्ट लगाकर चलने की शिक्षा दें। बच्चों को सिखाए
कि सडक पर चलते समय यातायात के नियमों का पालन करें। दुर्घटना घटने से ज्यादा बेहतर है
सावधानीपूर्वक चलना। अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए तेज रफ्तार से गाडी न चलाएंं। याद रखें कि 5
मिनट लेट से पहुंचें परंतु सुरक्षित पहुंचेंं।

रखें दूसरों का ख्याल

अपनी खुशी के लिए किसी दूसरे व्यक्ति को दुखी न करें या अपने लाभ के लिए किसी और को हानि ना
पहुचायें। बच्चों को दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित करें। घर के आस पास अगर कोई बीमार व्यक्ति
या बुजुर्ग व्यक्ति रहता है तो अपनी खुशी जाहिर करने के लिए तेज लाउडस्पीकर ना बजाएं, तेज आवाज
में म्यूजिक सुनने से या पार्टी के शोर- शरावे से ध्वनि प्रदूषण होता है साथ ही पड़ोसियों को असहज
महसूस हो सकता है।

खाना ना बिगाड़ें

कभी भी किसी समारोह में खाना लेते समय इस बात का ध्यान रखेंगे कि खाना बिगड़े नहीं, और इस बात
की शिक्षा बच्चों को भी दें। अधिक खाने की इच्छा होने पर खाना दोबारा लिया जा सकता है परंतु एक
बार में प्लेट भरकर आधा खाना आधा फेंक देना कहीं की सभ्यता नहीं है न जाने कितने लोग फुटपाथ
पर भूखे सो जाते हैं यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि खाना खराब ना हो जिससे देश के हर इंसान तक
खाना पहुंच सके। यह आदत घर में भी खाना बनाते समय और खाते समय अपनानी चाहिए।

सांस्कृतिक धरोहर को रखें सहेजकर

कई बार आपने देखा होगा किसी ऐतिहासिक स्थल पर घूमने जाने वाले लोग दीवारों पर या पत्थरों पर
नाम लिखकर या तरह-तरह की आर्ट बनाकर सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने का या खराब करने का
प्रयास करते हैं जबकि यह गलत है। बच्चों को कहीं जाने से पहले सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करने
तथा सहेज कर रखने की शिक्षा दें, उन्हें शिक्षा दें कि वह कभी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाएं।

पानी बचाएं

यह तो सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी पर पीने का पानी ना के बराबर रह गया है। इसे अंधाधुंध बहा कर
नष्ट ना करें। न जाने कितने राज्य पानी की कमी से जूझ रहे हैं, पानी बहुत कीमती है जहां एक लीटर पानी
की आवश्यकता है वहां दस लीटर पानी न बहाएं।

पॉलिथीन का सही इस्तेमाल

हमारे पर्यावरण के लिए प्लास्टिक बेहद घातक है और इसे नष्ट करने में बरसों लग जाते हैं। प्लास्टिक से
बनी वस्तुओं को कभी भी जलाना नहीं चाहिए क्योंकि इससे घातक गैस निकल कर पर्यावरण को
प्रदूषित करती हैं। जहां तक संभव हो पॉलिथीन का इस्तेमाल करें क्योंकि पॉलिथीन की रिसाइक्लिंग
(पुनर्चक्रण) जल्दी नहीं हो सकती। कूड़े में फेंकी गई प्लास्टिक सीवर को जाम कर देती है तथा कूड़े की
पॉलीथिन को जानवर खा जाते हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।

अपने विचारों तथा अभिव्यक्तियों से दुनिया को अवगत कराने का सबसे अच्छा माध्यम है लेखन। लेखन में वह शक्ति होती है जो किसी को भी मात दे सकती है। एक लेखक में वह कला होती है, जो अपनी लेखनी से लोगों के दिलों पर राज कर सकता है। आज हम जिस लेखिका से आप का परिचय…

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