15 अगस्त को मनाया जाएगा 71 वां स्वतंत्रता दिवस।।
ब्रिटिश शासन से भारत को आजादी मिलने के बाद 15 अगस्त 1947 को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। आजादी की लड़ाई 1857 में हुए विद्रोह से ही प्रारंभ हो चुकी थी। 1857 का युद्ध स्वतंत्रता के लिए लड़ा गया प्रथम युद्ध था। इस विद्रोह के द्वारा भारत को नियंत्रण मुक्त करने का एहसास देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजी हुकूमत को करा दिया था। 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजों से भारत को मुक्त कराने के लिए आंदोलनों की जैसे बाढ़ सी आ गई, इन अहिंसात्मक आंदोलन की शुरुआत महात्मा गांधी द्वारा की गई। 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज्य की घोषणा की गई परंतु पूर्णतया भारत को ब्रिटिश राज्य से मुक्ति 15 अगस्त 1947 को मिली। भारत की आजादी के बाद ही हिंदू मुस्लिम दंगों ने एक नया मोड़ लिया और हिंदुस्तान दो भागों में विभाजित हो गया भारी संख्या में मुसलमान पाकिस्तान चले गए, उन दंगों ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया और हजारों को अपने परिवारों से बिछड़ना पड़ा।
मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान का प्रथम गवर्नर बनाया गया वहीं जवाहरलाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि को जवाहरलाल नेहरू ने भारत को स्वतंत्र देश घोषित किया। 15 अगस्त को पूरे देश में राष्ट्रीय अवकास के रूप में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। अंग्रेजों की दासता से भारत को मुक्त कराना इतना आसान नहीं था लेकिन आज़ादी की इस लड़ाई में चंद्रशेखर, आजाद भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, राजगुरु जैसे देश भक्तों ने पूरा जीवन आजादी के लिए न्योछावर कर दिया।
71वां स्वतंत्रता दिवस
15 अगस्त को पूरे देश में 71 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जायेगा। आज़ादी के इन 70 सालों में देश में बहुत कुछ बदल गया है। भारत में आर्थिक, राजनीतिक, तकनीक व रक्षा के क्षेत्र में बहुत तरक्की कर ली है। देश को आजाद हुए 75 साल बीत गए हैं और हर क्षेत्र में भारत ने तरक्की की है परंतु लोगों की सोच अभी भी आजाद नहीं हुई है। आज भी भारत में जाति प्रथा, भ्रष्टाचार, भ्रूणहत्या, अमीर और गरीब का भेद, महिलाओं पर अत्याचार व शोषण, बालविवाह जैसी कुरीतियों से देश मुक्त नहीं हो पाया है। आजादी के 70 साल बाद भी एकतरफ जहां लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं है और लड़कों से आगे बढ़कर विदेशों में भारत का गौरव बनकर लौट रही है वहींं लोगों के मन में लड़के व लड़की के भेद को कम नहीं कर पा रही हैंं। आज भी लड़कियों के जन्म पर दुख प्रकट किया जाता है और लड़के के जन्म पर मिठाइयां बांटी जाती है।
आजादी के 70 साल बाद भी छुआछूत जैसी प्रथाओं से मन कुंठित हो उठता है। देश की समान मिट्टी में पले-बढ़े और देश की उसी मिट्टी में अन्न पैदा कर खाने वाले लोगों के लिए छुआछूत की भावना लोगों की छोटी सोच को दर्शाती है। आजादी के इतने सालों बाद भी लोगों में एकता देखने को नहीं मिलती वहीं आजादी की लड़ाई में जातिवाद का भेद भुलाकर, अमीरी गरीबी, महिला पुरुष के भेद से आगे निकल कर देश की जनता ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी।
15 अगस्त को स्वतंत्रता सेनानियों को दी जाती है श्रद्धांजलि
15 अगस्त को देश की राजधानी नई दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस का पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर “राष्ट्र के नाम संबोधन” में देश के राष्ट्रपति हर साल देश की जनता को संबोधित करते हैं तथा दिल्ली के लाल किले पर देश के प्रधानमंत्री द्वारा झंडा फहराया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर भारत की आजादी में अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है तथा प्रधानमंत्री पिछले सालों की उपलब्धता, महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों, शिक्षा व विकास को रेखांकित करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय सेना व अर्धसैनिक बलों द्वारा भव्य मार्च प्रस्तुत की जाती है तथा ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान गाया जाता है। सेना द्वारा 21 तोपों की सलामी दी जाती है। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे को सम्मान दिया जाता है। देश की राजधानी नई दिल्ली के अलावा भी अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं। आजादी के इन 70 सालों में भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल की है। इस वर्ष भी भारत ने 1 जुलाई से जीएसटी लागू कर नई उपलब्धि हासिल की है जिससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी तथा प्रत्येक क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी।